Gitapress Chhandogyopanishad (Code-582)
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Gitapress Chhandogyopanishad (Code-582) : - "छान्दोग्योपनिषद्" (कोड 582) गीता प्रेस की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जिसका लेखक सामवेदीय तलवकार ब्राह्मण हैं। यह उपनिषद् वैदिक साहित्य के अन्तर्गत विशेष महत्वपूर्ण है और वेदांत दर्शन के उच्च विचारों को समझने के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान उपलब्ध कराती है। इस उपनिषद् में तत्त्वज्ञान और उसके उपयोगी कर्म तथा उपासनाओं का सुन्दर वर्णन है जो व्याख्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है।
"छान्दोग्योपनिषद्" का विषय वेदांत दर्शन के महत्वपूर्ण विचारों पर आधारित है, जो मुख्य रूप से आत्म-ज्ञान और आत्मा के महत्व को विवेचन करते हैं। इस उपनिषद् में विभिन्न उपासना के रूप में वेदांत दर्शन के सिद्धांत और संदेश का विकास किया गया है। यह उपनिषद् ज्ञान की उच्चता, सत्य की प्राप्ति, ध्यान और भक्ति के माध्यम से मुक्ति की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करती है।
छान्दोग्योपनिषद् में आत्मा की गहरी विचारधारा, अन्तरात्मा का महत्त्व और आत्मज्ञान के लिए उपयोगी साधनों का वर्णन है। इस पुस्तक में सत्य, धर्म, कर्म और आध्यात्मिकता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारित किया गया है। छान्दोग्योपनिषद् का अध्ययन करने से पाठक आत्मा के उच्चतम सत्य को समझ, आत्मा की प्राप्ति के लिए आवश्यक साधनों को जान सकते हैं और आत्मानुभूति की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
छान्दोग्योपनिषद् (कोड 582) गीता प्रेस की इस पुस्तक में संस्कृत में छान्दोग्योपनिषद् का संपूर्ण पाठ प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को वेदांत दर्शन के मूल सिद्धांतों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है। इस पुस्तक में संस्कृत पाठ के साथ-साथ हिंदी अनुवाद और व्याख्या भी मौजूद है, जो पाठकों को अधिक सुलभ बनाती है। छान्दोग्योपनिषद् को पढ़ने और अध्ययन करने से आत्मा के रहस्य को समझने और आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
Gitapress Chhandogyopanishad (Code-582)
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