Gitapress Srimad Valmiki Ramayana (Sanskrit)
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Gitapress Srimad Valmiki Ramayana (Sanskrit) "श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण" (संस्कृत) गीता प्रेस की एक प्रमुख पुस्तक है, जो महान कवि वाल्मीकि द्वारा लिखित एक महाकाव्य है। यह पुस्तक धराधाम का आदिकाव्य माना जाता है और वेदों के समान महत्त्वपूर्ण है। श्रीमद्रामायण का अध्ययन करने से व्यक्ति मनुष्यता के मूल्यों, धर्म के सिद्धांतों, नीति और न्याय के प्रश्नों को समझता है और आत्मीयता, समर्पण और धार्मिकता की महत्वपूर्ण शिक्षाओं का अवधारण करता है।
श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण ग्रन्थ में भगवान राम के जीवन की अद्भुत कहानी प्रस्तुत की गई है। इसमें रामायण के प्रमुख काण्डों, यज्ञों, वनवास के अवसर पर आई विभिन्न घटनाओं और राम और सीता के मध्य आपसी प्रेम के विविध पहलुओं का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण और अन्य प्रमुख चरित्रों के चरित्र विकास का विस्तृत वर्णन है। यह ग्रन्थ धर्म, नीति, भक्ति, विश्वास, प्रेम, समर्पण, वीरता, सम्प्रेम सेवा आदि महत्वपूर्ण मूल्यों को प्रशंसा करता है।
"श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण" (संस्कृत) पुस्तक में वाल्मीकि रामायण का पूरा संस्कृत पाठ मौजूद है, साथ ही इसमें सरस हिन्दी अनुवाद और व्याख्या भी है। यह पुस्तक दो खंडों में विभाजित है और सुलभता से पठने के लिए आकर्षक चित्रों सहित है। "श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण" का अध्ययन करने से आप भगवान राम के विभिन्न गुणों, धर्म के सिद्धांतों, नैतिकता के मार्ग, प्रेम और सेवा के भाव को समझेंगे और अपने जीवन को आदर्श बनाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
Gitapress Srimad Valmiki Ramayana (Sanskrit)
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