Geetapress Gita Sangrah (Code 1958) :- “गीताप्रेस गीता संग्रह (कोड 1958)” एक अद्वितीय पुस्तक है जो भगवद् गीता के साथ-साथ अन्य महत्त्वपूर्ण गीताओं का एक समृद्धि संग्रह प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक गीताप्रेस द्वारा अनेक भाष्यों और टीकाओं के साथ विभिन्न रूपों में प्रकाशित हो रही है, जो आध्यात्मिक साधना और ज्ञान के आस्वाद के लिए सजीवनी माना जाता है।
इस पुस्तक में नहीं केवल श्रीमद् भगवद् गीता, बल्कि भगवद् गीता के अलावा भी अन्य महत्त्वपूर्ण गीताएं हैं, जो आम लोगों के लिए अद्वितीय हैं। इस पुस्तक में गणेशगीता, हंसगीता, नारदगीता, रामगीता, उत्तरगीता, अष्टावक्रगीता, अवधूतगीता, हारीतगीता, यमगीता, भगवतीगीता आदि कुल पचीस गीताओं का संकलन है।
गीताप्रेस ने इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को सभी विशेष गीताएं एक स्थान पर एकत्र करने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया है। यहाँ प्रस्तुत गीताएं न केवल आध्यात्मिक ज्ञान को समर्थन करती हैं, बल्कि उन्हें पढ़कर पाठक विभिन्न आध्यात्मिक सिद्धांतों को समझ सकते हैं और अपने जीवन में उनका अनुष्ठान कर सकते हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत गीताएं न केवल आध्यात्मिक ज्ञान को समर्थन करती हैं, बल्कि उन्हें पढ़कर पाठक विभिन्न आध्यात्मिक सिद्धांतों को समझ सकते हैं और अपने जीवन में उनका अनुष्ठान कर सकते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को सभी विशेष गीताएं एक स्थान पर एकत्र करने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया गया है, जिससे आध्यात्मिक साधना की यात्रा में सार्थकता प्राप्त हो सकती है।
Geetapress Gita Sangrah (Code 1958)
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