Geetapress Jeevancharya Vigyan (Code 1955) :- गीताप्रेस की पुस्तक “गीताप्रेस जीवनचर्या विज्ञान (कोड 1954)” एक अद्वितीय आध्यात्मिक ग्रंथ है जो सर्वसाधारण को शास्त्रों में प्रवृत्त करने के लिए एक वीतराग महात्मा स्वामी श्रीशंकरानंदजी सरस्वती द्वारा रचा गया है। यह पुस्तक वैदिक जीवन चर्या का विस्तृत विवेचन करती है, और इसे अत्यंत सरल शब्दों में प्रस्तुत करती है, जिससे शास्त्राज्ञा और आधुनिक जनसामान्य दोनों को समझने में सुविधा होती है।
इस पुस्तक में स्वामी श्रीशंकरानंदजी सरस्वती द्वारा बताये गए शुभकर्मों का शास्त्रीय परिचय है, जिससे पाठक अपने जीवन में सार्थकता और धार्मिकता की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। यह ग्रंथ वैदिक सिद्धांतों के साथ-साथ आधुनिक जीवनशैली के साथ कैसे जुड़े हैं, इस पर एक मधुर भाषा में चर्चा करता है।
“गीताप्रेस जीवनचर्या विज्ञान” विभिन्न आयामों में जीवन की महत्वपूर्ण दिशाएँ स्पष्ट करती है, जैसे कि ध्यान, साधना, सेवा, और सामाजिक जिम्मेदारी का सही दृष्टिकोण। यह न केवल आध्यात्मिकता की बात करती है, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का भी प्रयास करती है।
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को एक सजीव और उदार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है, जिसमें आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का समाहार हो। इस पुस्तक से पाठक अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं और आत्म-समर्पण के माध्यम से सत्य, शान्ति, और संतुलन की प्राप्ति की ओर बढ़ सकते हैं।
Geetapress Jeevancharya Vigyan (Code 1955)
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