Geetapress Jivchchhradhapadhati (Code-1895) :- भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कारों का महत्वपूर्ण स्थान है, और इनमें से एक महत्वपूर्ण संस्कार है, वह है “श्राद्धकर्म”। यह अंतिम मरणोत्तर संस्कार होता है जिसका मुख्य उद्देश्य पितृगण के आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। “गीताप्रेस जीवच्छदपधति” (कोड-1895) एक पुस्तक है जो इस महत्वपूर्ण संस्कार को समझाने और सही ढंग से प्राप्त करने में मदद करती है।
इस पुस्तक में भारतीय परंपराओं और शास्त्रों के मुताबिक श्राद्धकर्म की व्यापक और विस्तारपूर्ण जानकारी दी गई है। यह पुस्तक आपको उन सूक्ष्म नियमों और विधियों के बारे में बताती है जो इस संस्कार के सही सम्पादन के लिए आवश्यक हैं।
“गीताप्रेस जीवच्छदपधति” विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने माता-पिता के मरणोत्तर कर्म का सही से सम्पादन करना चाहते हैं, लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण इसे सही ढंग से नहीं कर पाते। यह पुस्तक उनके लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है और उन्हें इस आध्यात्मिक संस्कार की सही विधि का पालन करने में मदद करती है।
इस पुस्तक के माध्यम से, व्यक्ति अपने आध्यात्मिक सफलता की ओर बढ़ते हैं और अपने पितृगण की आत्माओं को शांति और मोक्ष की प्राप्ति की दिशा में गाइड करते हैं। “गीताप्रेस जीवच्छदपधति” भारतीय धार्मिकता और आध्यात्मिकता के प्रति आपकी भक्ति और समर्पण की गहरी भावना को बढ़ावा देने वाली एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
Geetapress Jivchchhradhapadhati (Code-1895)
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