Geetapress Vedic Sukt Sangrah (Code-1885) : गीताप्रेस वेदिक सूक्त संग्रह (कोड-1885) एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जिसमें चारों वेदों के प्रमुख सूक्तों का संग्रहण किया गया है। यह पुस्तक वेदों के महत्वपूर्ण और प्रमुख मंत्रों का सानुवाद करती है जो हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस पुस्तक में गणेश सूक्त, रुद्र सूक्त, श्री सूक्त, पुरुष सूक्त, अग्नि सूक्त, वरुण सूक्त, पृथ्वी सूक्त, रोग निवारण सूक्त, नास दीय सूक्त, और परिशिष्टाध्याय में चारों वेदों के विभिन्न मंत्रों का संग्रह है। ये मंत्र विभिन्न पर्वों और अवसरों पर प्रयोग के लिए उपयोगी हैं और विशेष रूप से पूजन और यज्ञ के समय प्रयुक्त होते हैं।
पुस्तक के प्रारंभ में स्वस्तिवाचन और अंत में शांतिपाठ भी दिया गया है, जो पठन की शुभ शुरुआत और शांति की प्राप्ति की कामना करते हैं। यह पुस्तक धार्मिक अध्ययन के लिए एक मूल्यवान संस्त्रोत है जो वेदों के अद्वितीय ग्रंथों को सुलभता से पहुंचने में मदद करता है।
गीताप्रेस ने इस पुस्तक को सरल और सुलभ भाषा में प्रकाशित किया है, जिससे इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए पहुँचाया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण संस्कृति और धर्म का हिस्सा है और इस पुस्तक के माध्यम से लोग अपने आध्यात्मिक और धार्मिक उत्थान की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
इस पुस्तक का पठन और अध्ययन ध्यान और आध्यात्मिक अद्यतनीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण और आवश्यक उपाय हो सकता है। गीताप्रेस का यह योगदान हमारे समृद्धि और सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है और आध्यात्मिक जीवन की मान्यता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देता है।
Geetapress Vedic Sukt Sangrah (Code-1885)
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