Gitapress Bhagwan kaise Mile (Code-1631) :- गीताप्रेस की पुस्तक “भगवान कैसे मिलें?” (कोड-1631) एक अनमोल संकलन है जो सन् १९४९ में ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दका के द्वारा गीताभवन, ऋषिकेश में विभिन्न कल्याणकारी विषयों पर दिए गए प्रेरक प्रवचनों का अनुपम संकलन है।
इस पुस्तक में प्रस्तुत किए गए प्रवचन भगवान के अनुभव, ध्यान, भक्ति और साधना के समर्थन में उम्दा उपदेश प्रदान करते हैं। यह पुस्तक भगवान् से कैसे मिला जा सकता है, उनसे कैसे संवाद किया जा सकता है, और उनसे कैसे अपने जीवन में उनकी कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है, इसके बारे में मंगलकारी विचारों को समर्थन करता है।
इस पुस्तक में भगवान् की प्राप्ति के विभिन्न उपाय, मेधा और भक्ति की महत्वपूर्णता, संसार से विरक्त होकर अनंत आनंद की प्राप्ति के लिए जीवन के उपयुक्त मार्ग, धर्मिकता के मूल तत्व और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अद्भुत प्रकाशन किया गया है।
यह पुस्तक आध्यात्मिक सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है और जीवन के मार्ग में सुधार के लिए सजग बनाती है। इसे पढ़कर पाठक भगवान् से संवाद करने और उनसे मिलने के अद्भुत अनुभव का आनंद ले सकते हैं। यह पुस्तक धार्मिक जीवन में संतुष्टि और शांति की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होती है। भगवान् कैसे मिलें? पुस्तकाकार—सन् १९४९ में ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाके द्वारा गीताभवन, ऋषिकेशमें विभिन्न कल्याणकारी विषयोंपर दिये गये प्रेरक प्रवचनोंका अनुपम संकलन।
Gitapress Bhagwan kaise Mile (Code-1631)
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