Gitapress Kalyan kaise Ho (Code-1666) :- “गीताप्रेस” की पुस्तक “कल्याण कैसे हो?” (कोड-1666) ब्रह्मलीन परमश्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाके पुराने प्रवचनों से संकलित है, और इसमें अनेक उपयोगी प्रकरणों के माध्यम से कल्याण की प्राप्ति के विभिन्न उपायों की सुगम व्याख्या की गई है।
यह पुस्तक विभिन्न अध्यात्मिक विषयों पर आधारित है और भक्तजनों को उनके आचार-व्यवहार और जीवन को सकारात्मक रूप से संचालित करने के लिए प्रेरित करती है। इस पुस्तक में विभिन्न उपायों और सुझावों के माध्यम से कल्याण के लक्ष्य को प्राप्त करने के विचार किए गए हैं। ब्रह्मलीन परमश्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दकाके पुराने प्रवचनोंसे संकलित अनेक उपयोगी प्रकरणोंके माध्यमसे कल्याण प्राप्तिके विभिन्न उपायों की सुगम व्याख्या।
यह पुस्तक विशेष रूप से भक्त जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए मार्गदर्शन करती है। इसमें संबंधित विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर उपयुक्त चिंतन किया गया है जो भक्तजनों के जीवन में सच्चे आनंद, शांति, समृद्धि, और सकारात्मकता लाने में मदद करते हैं।
इस पुस्तक में आध्यात्मिक सिद्धांतों का सरल और सुगम भाषा में विवरण किया गया है जो भक्त जीवन के समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है। यह पुस्तक भक्तजनों के आचार-व्यवहार और संचालन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक सर्वांगीण मार्गदर्शक है।
Gitapress Kalyan kaise Ho (Code-1666)
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