Gitapress Pandava Gita and Hansagita (1242) :- गीताप्रेस की पुस्तक “गीताप्रेस पाण्डवगीता और हंसगीता (कोड-1242)” एक अद्भुत और रोमांचक संग्रह है। इस पुस्तक में भगवान नारायण की स्तुति और प्रशंसा भगवान के विभिन्न भक्तों द्वारा की गई है।
पाण्डवगीता और हंसगीता दो ऐतिहासिक महाकाव्यों के संग्रह हैं, जो महाभारत के महत्वपूर्ण प्रसंगों से संबंधित हैं। पाण्डवगीता में पांडवों के अध्याय के द्वारा उन्हें धर्म, नीति और जीवन के मूल्यों का उपदेश दिया गया है। यह उन्हें महाभारत के युद्ध में सही मार्ग और धर्मपरायण रहने के लिए प्रेरित करती है।
दूसरी ओर, हंसगीता भगवान के भक्त और सखाओं के माध्यम से भगवान के महिमा और कृपा के गान का संग्रह है। यह उन्हें भगवान के प्रेम से भरे जीवन की अनुभूतियों से परिचय कराती है और उन्हें भगवान के साथ अटूट भक्ति का अनुभव कराती है।
इस पुस्तक में भगवान नारायण की स्तुति और प्रशंसा के साथ-साथ भगवान द्वारा पाण्डवों को दिए गए उपदेशों का संकलन भी है। यह पुस्तक धार्मिक एवं भक्ति प्रेमी लोगों के लिए एक अनमोल संग्रह है, जो उन्हें धार्मिक ज्ञान और भगवान के प्रेम के अनमोल संदेशों से परिचय कराती है। यह पुस्तक भगवान के भक्तों को उनके धार्मिक संग्रह के रूप में लाभ प्रदान करती है और उन्हें भगवान के प्रति अधिक प्रेम एवं श्रद्धा विकसित करती है।
Gitapress Pandava Gita and Hansagita (1242)
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