Gitapress Param Pita Se Prarthana (1440) :- “परम पिता से प्रार्थना” (कोड-1440) एक अमूल्य पुस्तक है जो गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक में ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज की पुस्तक “एक नयी बात” में छपी प्रार्थनाओं को मोटे कागज पर बहुरंगे चित्रावरण के साथ संयुक्त करके प्रकाशित किया गया है।
यह पुस्तक भगवान के प्रति साधकों की अनमोल भावनाओं को सुन्दरता से व्यक्त करती है। इसमें भक्ति और प्रेम से भरी हुई प्रार्थनाओं का संग्रह है, जो साधकों को दिव्य अनुभव और अंतर्मुखता की दिशा में प्रेरित करते हैं। इन प्रार्थनाओं में भगवान के प्रति भक्ति, शरणागति, धन्यवाद, और अन्य उच्च भावनाएं प्रकट होती हैं, जो साधक के मन को शांत, प्रसन्न, और उत्साहित करती हैं।
यह पुस्तक साधकों के लिए आनंदमय, प्रेरणादायक, और मार्गदर्शक है। इसमें प्रदर्शित सुंदर प्रार्थनाएं अन्तर्मुखता और ध्यान की समृद्धि के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में कारगर साबित होती हैं।
इस पुस्तक का संदेश है कि साधक अपने परम पिता से नित्य जुड़ा रहें, उन्हें सच्चे मन से याद करें, उनसे संबंध स्थापित करें और उनकी आराधना और सेवा में रमें। यह उन्हें आत्मीयता और आनंद से भर देती है और अंततः उन्हें आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति का साधन बनती है।
“परम पिता से प्रार्थना” भगवान के समृद्धिशाली आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए एक दिव्य रास्ता है। इस पुस्तक का साधकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आध्यात्मिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है। यह उन सभी लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपने आंतरिक संवाद को बढ़ाना और भगवान के साथ एकता का अनुभव करना चाहते हैं।
Gitapress Param Pita Se Prarthana (1440)
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