Gitapress Sab Jag Ishear Rup Hai (Code-632) :- “सब जग ईश्वर रूप है” गीता प्रेस की पुस्तक है, जिसका कोड-632 है। यह पुस्तक भक्ति योग की पृष्ठ भूमि में ईश्वर के सर्वव्यापक स्वरूप को प्रतिपादित करती है। इस पुस्तक का लेखक हैं ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज। यह उनकी अनुपम कृति है।
“सब जग ईश्वर रूप है” पुस्तक आपको भक्ति योग की महत्त्वपूर्णता को समझाती है। इस पुस्तक में आपको ईश्वर के सर्वव्यापक स्वरूप के बारे में जानकारी मिलेगी। यह पुस्तक आपको ईश्वर में भक्ति के माध्यम से सुख और शांति की प्राप्ति करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह पुस्तक आपको ईश्वर के विभिन्न रूपों, गुणों और महिमा के विषय में जानकारी प्रदान करेगी।
“सब जग ईश्वर रूप है” पुस्तक में आपको ईश्वर के स्वरूप, उनकी आदि और अनंतता, सृष्टि के प्रकार, ईश्वरीय विधान, अवतारों के विषय में विस्तृत ज्ञान प्राप्त होगा। इसके साथ ही, इस पुस्तक में आपको भक्ति के महत्त्व, उपासना के साधन, धर्म और नियमों के विषय में महत्त्वपूर्ण बातें प्रदान की जाएंगी। यह पुस्तक आपके आध्यात्मिक विकास और भक्ति में सुधार के लिए मार्गदर्शन का स्रोत होगी।
“सब जग ईश्वर रूप है” पुस्तक आपके आंतरिक स्थिति में परिवर्तन लाने के साथ-साथ आपको सत्य, प्रेम, शांति, और आनंद के साथ भरने में मदद करेगी। यह पुस”सब जग ईश्वर रूप है” गीता प्रेस की पुस्तक है, जिसका कोड-632 है। यह पुस्तक भक्ति योग की पृष्ठ भूमि में ईश्वर के सर्वव्यापक स्वरूप को प्रतिपादित करती है। इस पुस्तक का लेखक हैं ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज। यह उनकी अनुपम कृति है।
Gitapress Sab Jag Ishear Rup Hai (Code-632)
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