Gitapress Bhagvachcharcha (Code-820)
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Gitapress Bhagvachcharcha (Code-820) :- "गीताप्रेस भगवच्चर्चा" (कोड-820) एक पुस्तक है जो नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार द्वारा लिखे गए महत्वपूर्ण लेखों का संकलन है। यह पुस्तक भक्ति, धर्म और साधना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार करने के लिए एक मार्गदर्शक साधना है।
"गीताप्रेस भगवच्चर्चा" में विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों के बारे में सुंदर लेख हैं। इस पुस्तक में ईश्वर के प्रेम, भगवत कृपा, भगवद्दर्शन, विनय, सत्य का अनुकरणीय चरित्र, भजन की विशेषता, भगवान श्रीराम और शिव लीलाओं का वर्णन, दैवी विपत्तियों से बचने के उपाय, संतों की महिमा, दिनचर्या, श्रीकृष्ण के विभिन्न प्रसंग, भक्ति के चमत्कार, पति-पत्नी के कर्तव्य आदि प्रमुख विषयों पर सुंदर व्याख्या दी गई है।
यह पुस्तक उच्चतम धार्मिक आदर्शों, संतों की बातचीत और उनके अनुभवों के आधार पर श्रद्धालुओं को भक्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। यह पुस्तक आध्यात्मिक अनुभवों, साधना और आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण गाइड है।
"गीताप्रेस भगवच्चर्चा" पुस्तक में उपयोगी टिप्पणियाँ, सुझाव और परामर्श भी दिए गए हैं। यह पुस्तक धार्मिक ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो साधकों को उनके साधना साधनों की गहराई में ले जाती है और उन्हें धर्मी जीवन के मूल्यों और आदर्शों के प्रति अधिक जागरूक बनाती है।
भगवच्चर्चा ग्रन्थाकार—प्रस्तुत ग्रन्थ नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारद्वारा कल्याणमें समय-समयपर लिखे गये (पुस्तकाकार छ: खण्डोंमें पूर्व प्रकाशित) विभिन्न महत्त्वपूर्ण लेखोंका अनुपम संग्रह है। इसमें ईश्वरप्रेम, भगवत्कृपा, भगवद्दर्शन, विनय, सतियोंका अनुकरणीय चरित्र, भजनकी विशेषता, भगवान् श्रीराम तथा शिव-लीलाओंका वर्णन, दैवी विपत्तियोंसे बचनेके उपाय, सन्त-महिमा, दिनचर्या, श्रीकृष्ण-लीलाके विविध प्रसंग, भक्तिके चमत्कार, पति-पत्नीके कर्तव्य आदि विविध विषयोंपर अत्यन्त ही सुन्दर व्याख्या प्रस्तुत की गयी है
Gitapress Bhagvachcharcha (Code-820)
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